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(Heart health ) दिल की तंदुरुस्ती के लिए करे ये 3 आसन


आज कल के इस भौतिक युग तनाव का  माहौल आम बात  बन  गया जिसकी वजह से दिल की दिल की बीमारिया  होना आम  बात है।  सबसे बड़ी बात यह है की यह बीमारी आज कल के नौजवावन को अपना  रही है।  ऐसे में जरुरी है की  सही खान पान के साथ अच्छी लाइफस्टाइल अपनाते हुए, सही दिनचर्या  का पालन करना जरुरी है। आज के युग में  सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं  चाहते तो अपनी दिनचर्या में योगान को शामिल अवश्य करे।  जो आपके हृदये को सेहतमंद रखने में मदद करेगा।  आइये  हम इस लेख  के माध्यम से  स्वस्थ्य जीवन जीने  के कुछ योगासन बताते है। 


1. त्रिकोणासन



कैसे करें :

  • आप दोनों पैरों के बीच करीब दो फुट की दूरी बनाकर खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधे सटाकर रखें।
  • अब अपनी बांहों को शरीर से दूर कंधे तक फैलाएं और सांस लेते हुए दाएं हाथ को ऊपर ले जाते हुए कान से सटा लें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से बाईं ओर झुकें। इस दौरान दायां हाथ कान से सटा रहना चाहिए और घुटनों को न मोड़ें।
  • अब दाएं हाथ को जमीन के समानांतर लाने का प्रयास करें। साथ ही बाएं हाथ से बाएं टखने को छूने का प्रयास करें।
  • करीब 10-30 सेकंड इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • इसी तरह से दाईं ओर भी करें।
  • आप इस तरह के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।

लाभ :

  • कमर व पेट की चर्बी कम करने के योगासन (pet ki charbi kam karne ke liye yoga) के रूप में यह सबसे उत्तम है।
  • ताड़ासन की तरह इसे भी करने से पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होता है।
  • जहां एक तरफ इसे करने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, वहीं फेफड़े भी स्वस्थ होते हैं और बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं।
  • इसे करने से कमर दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
  • साथ ही यह कब्ज व एसिडिटी जैसी समस्याओं के लिए बेहतरीन आसन है।
  • यह योग शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है और तनाव को भी कम कर सकता है।

सावधानियां :

  • रक्तचाप अधिक या कम होने पर इस योगासन को न करें।
  • जिन्हें कमर में तेज दर्द है या फिर स्लिप डिस्क की समस्या है, वो भी इसे न करें।
  • सिर चकराने या फिर गर्दन और पीठ में दर्द होने पर भी इससे दूरी बनाएं।
  • अगर आपको अधिक एसिडिटी है, तो इसे न करें।
  • साथ ही जिन्हें साइटिका व स्लिप डिस्की की समस्या है, वो इसे न करें।

1. ताड़ासन
    


कैसे करें :

  • सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएं और अपनी पेरो पैरो , कमर व गर्दन को सीधा रखें।
  • अब हाथों की उंगुलियों को आपस में फंसाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और गहरी सांस भरते हुए पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें। हथेलियां आसमां की दिशा में होनी चाहिएं।
  • साथ ही एड़ियों को भी ऊपर उठा लें। पूरे शरीर का संतुलन पंजों पर आ जाना चाहिए।
  • इस दौरान पंजों से लेकर ऊपर हाथों तक खिंचाव महसूस करें।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य गति से सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे पहली वाली स्थिति में आ जाएं।
  • इस तरह के कम से कम दो-तीन चक्र एक बार में किए जा सकते हैं।

लाभ :

  • इस योगासन को करने से पूरे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है।
  • शरीर सुडौल होता है और प्राकृति आकार में आने लगता है।
  • छह से 20 वर्ष तक के लोगों को यह आसान जरूर करना चाहिए। इससे कद बढ़ने में मदद मिल सकती है।
  • यह योगासन पीठ दर्द के लिए बेहत उत्तम है। साथ ही मांसपेशियों, घुटनों व पैरों में होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है।
  • ताड़ासन के नियमित अभ्यास से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।


स आसन को करते समय एक पैर को मोड़कर, दूसरे पैर को दृढ़ता से जमीन पर रखना चाहिए| एक पैर पर खड़े होकर हाथों को सिर के ऊपर लाना होता है| इस आसन को करते समय आपको यह महसूस करना चाहिए की आपका पैर एक जड़ है, जिस पर पेड़ के समान शरीर टिका हुआ है| अब अपने ध्यान को केंद्रित कर सामने की ओर देखें| सहज रूप से साँस लेते रहे| इस आसन को 
इस आसन को करते समय शरीर त्रिकोण जैसी मुद्रा में आ जाता है, इसलिए इसी त्रिकोणासन कहते हैं। त्रिकोण का अर्थ होता है तीन कोण वाला और आसन का अर्थ मुद्रा से होता है।
योगाभ्यास शुरू करने से पहले ताड़ासन करना जरूरी होता है। पेट कम करने के लिए योगासन (pet kam karne ke liye yoga) की शुरुआत भी इसी से की जाती है। इसे करने से पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होता है और ऊर्जा आती है। रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है
विविधता : ताड़ासन के साथ आप तिर्यक ताड़ासन भी कर सकते हैं। इसमें पंजों के बल खड़ा नहीं हुआ जाता और हाथों को ऊपर करके कमर के हिस्से से सांस लेते हुए पहले दाएं और फिर बाएं झुका जाता है।


वृक्षासन 


इस आसन को करते समय एक पैर को मोड़कर, दूसरे पैर को दृढ़ता से जमीन पर रखना चाहिए| एक पैर पर खड़े होकर हाथों को सिर के ऊपर लाना होता है| इस आसन को करते समय आपको यह महसूस करना चाहिए की आपका पैर एक जड़ है, जिस पर पेड़ के समान शरीर टिका हुआ है| अब अपने ध्यान को केंद्रित कर सामने की ओर देखें| सहज रूप से साँस लेते रहे| इस आसन को 

  1. सीधे तनकर खड़े हो जाइये

  2. दायें पैर को जमीन पर दृढ़ता से रखें

  3. अब बायें पैर को धीरे -धीरे ऊपर उठाएं और दायें पैर के घुटनों के ऊपर रखें|

  4. अब दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में अपनी छाती से लगाएं|

  5. संतुलन बनाये रखने के लिए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं|

  6. अब सिर को सीधा रखे और अपनी आँखों को सिर के मध्य में केंद्रित करें|

  7. अब इस अवस्था में 1-2 मिनट तक खड़े रहे|

  8. दोनों पैरों से इस मुद्रा को 2-5 बार दोहराए|


वृक्षासन से लाभ


  • इस आसन से पैरों की चर्बी और पेट कम होता है|
  • पैरों में मजबूती आती है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है|
  • याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है तथा दिमाग शांत रहता है|
  • शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करता है|
  • घुटने में दर्द से राहत मिलती है|
  • यह पेट, कमर और कूल्हे के आसपास जमी चर्बी को ख़त्म कर देता है और आपके शरीर को सुडोल बनाता है|







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